ठंडी ठिठुरती रातों की दिल्ली
अच्छी है दिसम्बर के रातों की दिल्ली.
सभी को कहीं पे पहुँचने की जल्दी
बड़ी तेज रफ़्तार वाली है दिल्ली.
कहीं बेमतलब के झगड़ों में..............
सपनों से भरी हुई बसों में ..............
ज़िन्दगी की ट्रेफिक में फँसी ............
कभी रेड तो कभी ग्रीन है दिल्ली .
कभी सुबह की भूख ने दी शाम को दावत
कहीं इजाबेला के थिरकते पैरों की शरारत
कई उदास गलियों के खूबसूरत किस्सों में
ग़ालिब के उलटे सीधे ख्यालों की दिल्ली .
अच्छी है दिसम्बर के रातों की दिल्ली.
सभी को कहीं पे पहुँचने की जल्दी
बड़ी तेज रफ़्तार वाली है दिल्ली.
कहीं बेमतलब के झगड़ों में..............
सपनों से भरी हुई बसों में ..............
ज़िन्दगी की ट्रेफिक में फँसी ............
कभी रेड तो कभी ग्रीन है दिल्ली .
कभी सुबह की भूख ने दी शाम को दावत
कहीं इजाबेला के थिरकते पैरों की शरारत
कई उदास गलियों के खूबसूरत किस्सों में
ग़ालिब के उलटे सीधे ख्यालों की दिल्ली .
Comments
Post a Comment