शब्दों की हेरा फेरी अजीब होती है
टुकड़ा टुकड़ा जोड़ो और कुछ गढ़ लो
बेमतलब सा आत्मसंतुष्टी के लिए
और जब आस पास सब बदल रहा हो
जरूरी होता है आपने आपको बचा लेना
उन चीज़ों से जो तुम्हे अंदर से खा जाना चाहते हैं
चाँद में चरखा कातती बुढ़िया को देखना
पानी में पत्थर फेंकते उसकी छलांग तय करना
किसी लड़की का लड़के को बाहों में भर लेना
वेश्यालयों में लगी घंटी से अजान का निकलना
रास्ता काटती बिल्ली का तुम्हे घूरना
बचकाना सा लगता है .....
पर --
बेहतर होता है किसी से नफरत करने से ।
टुकड़ा टुकड़ा जोड़ो और कुछ गढ़ लो
बेमतलब सा आत्मसंतुष्टी के लिए
और जब आस पास सब बदल रहा हो
जरूरी होता है आपने आपको बचा लेना
उन चीज़ों से जो तुम्हे अंदर से खा जाना चाहते हैं
चाँद में चरखा कातती बुढ़िया को देखना
पानी में पत्थर फेंकते उसकी छलांग तय करना
किसी लड़की का लड़के को बाहों में भर लेना
वेश्यालयों में लगी घंटी से अजान का निकलना
रास्ता काटती बिल्ली का तुम्हे घूरना
बचकाना सा लगता है .....
पर --
बेहतर होता है किसी से नफरत करने से ।
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