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Showing posts from July, 2010

.................?

एक ख़ामोशी और आह, कुछ उदास सपने और एक डर -जो तुम्हे मुस्कुराने से रोकता है बस एक लकीर है , जो पत्थेर की नहीं है और उम्मीद ............... जो हमेशा कायम रहेगी देखो अपने आपको आईने में ....... और सोचो क्या ये तुम हो ? आँखे कही शर्म से झुक तो नहीं रही, ये बाल इतने उलझे हुए क्यों है? सबकुछ बदलता है वक़्त के साथ , खुद को बदलो ................... जिंदगी में sangharsh होते है चमत्कार नहीं