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Showing posts from 2010

सफ़र जारी है ..........

बहुत दुर तक अभी जाना है.... इरादों की सीढिया हैं , ख्वाहिसों से भरी है जेब कई खवाब हैं जिनके एड्रेस ढूढ़ने हैं . सुना है - एक खूबसूरत गाँव हैं ... जहाँ से मिलती हैं दिल की ट्रेने , किसी दिन बैठकर उसमे  सारी  दुनिया घूमूँगा . लेकिन उससे पहले - चढ़नी हैं  सीढिया यादों को तह करके रखना है आलमारी में लगाने   हैं ख्वाहिसों के पेड़ ढूढ़ने हैं कई  एड्रेस. तब तक लिए , सफ़र जारी है ..........

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फलक, रात, तारे, रौशनी, चाँद, और बारिस. तुम कहती हो पागलपन है , मैं कहता हूँ दीवानापन . एक स्पर्श , जो बारिस से नहला देती है , खवाहिश जो तारों की तरह मद्धिम है , और चाँद इतने करीब होकर भी दूर. एक सिमटा हुआ फलक , जहां  आशा और निराशा मिलते हैं किसी बिंदु पर. ये पागलपन नहीं है , ये एक नई दुनिया की खोज है - यहाँ  जिंदगी एक नशा है.

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एक ख़ामोशी और आह, कुछ उदास सपने और एक डर -जो तुम्हे मुस्कुराने से रोकता है बस एक लकीर है , जो पत्थेर की नहीं है और उम्मीद ............... जो हमेशा कायम रहेगी देखो अपने आपको आईने में ....... और सोचो क्या ये तुम हो ? आँखे कही शर्म से झुक तो नहीं रही, ये बाल इतने उलझे हुए क्यों है? सबकुछ बदलता है वक़्त के साथ , खुद को बदलो ................... जिंदगी में sangharsh होते है चमत्कार नहीं