शब्द इरादों में बदल जाए तो अच्छा है तू मेरे ख्यालों से निकल जाए तो अच्छा है बेकार कोशिशें और एक ऊबा हुआ दिन शाम तक इस घर से निकल जाए तो अच्छा है तस्वीर ही काफी नहीं इंसान समझने के लिए कहीं किसी मोड़ पे वो मिल जाए तो अच्छा है गुमशुम सी है नदी चलो कुछ बात कर लेते हैं कल का पता नहीं पर आज का दिन अच्छा है.