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Showing posts from March, 2017
शब्दों की हेरा फेरी अजीब होती है  टुकड़ा टुकड़ा जोड़ो और कुछ गढ़ लो  बेमतलब सा आत्मसंतुष्टी के लिए  और जब आस पास सब बदल रहा हो  जरूरी होता है आपने आपको बचा लेना  उन चीज़ों से जो तुम्हे अंदर से खा जाना चाहते हैं चाँद में चरखा कातती बुढ़िया को देखना पानी में पत्थर फेंकते उसकी छलांग तय करना किसी लड़की का लड़के को बाहों में भर लेना वेश्यालयों में लगी घंटी से अजान का निकलना रास्ता काटती बिल्ली का तुम्हे घूरना बचकाना सा लगता है ..... पर -- बेहतर होता है किसी से नफरत करने से ।